Monday, July 19, 2021

66 सूरह अत तहरीम

सूरह अत तहरीम मदीना में नाज़िल हुई और इसकी 12 आयतें हैं.
अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
1. ऐ नबी ए मुकर्रम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ! तुम ख़ुद पर वह चीज़ क्यों हराम करते हो, जो अल्लाह ने तुम्हारे लिए हलाल की है. तुम अपनी बीवियों की ख़ुशी चाहते हो. और अल्लाह बड़ा बख़्शने वाला बड़ा मेहरबान है.
2. ऐ ईमान वालो ! बेशक अल्लाह ने तुम्हारे लिए क़समों को तोड़ देने का कफ़्फ़ारा फ़र्ज़ कर दिया है और अल्लाह ही तुम्हारा मौला है. और वह बड़ा साहिबे इल्म बड़ा हिकमत वाला है.
3. और जब नबी ए मुकर्रम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपनी एक बीवी से राज़ की कोई बात कही. फिर जब वे दूसरी से उसका ज़िक्र कर बैठीं और अल्लाह ने उसे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर ज़ाहिर कर दिया. फिर नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपनी बीवी को कुछ बात बताई और कुछ नहीं बताई. फिर जब नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने उन्हें राज़फ़ाश करने से आगाह किया, तो वे कहने लगीं कि आपको किसने बताया? नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने कहा कि मुझे उसने बताया, जो बड़ा साहिबे इल्म बड़ा बाख़बर है.
4. ऐ नबी ए मुकर्रम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बीवियो ! अगर तुम दोनों अल्लाह की बारगाह में तौबा कर लो, तो तुम्हारे लिए बेहतर है. क्योंकि तुम्हारे दिल माइल हो गए हैं. अगर तुम दोनों इस बात पर एक दूसरे की मदद करोगी, तो बेशक अल्लाह ही उनका मौला है. और जिब्रईल अलैहिस्सलाम और नेक मोमिन और इसके बाद तमाम फ़रिश्ते भी उनके मददगार हैं.
5. अगर वे तुम्हें तलाक़ दे दें, तो अजब नहीं कि उनका परवरदिगार उन्हें तुम्हारे बदले तुमसे अच्छी बीवियां अता करे, जो मुसलमान, मोमिन, फ़रमाबरदार, तौबा करने वाली, इबादत गुज़ार, रोज़ा रखने वाली, शौहर वाली और कुंवारियां हों.
6. ऐ ईमान वालो ! तुम ख़ुद को और अपने घरवालों को दोज़ख़ की आग से बचाओ, जिसका ईंधन इंसान और पत्थर हैं. उस पर बेहद सख़्त मिज़ाज ताक़तवर फ़रिश्ते मुक़र्रर हैं, जो अल्लाह के किसी भी हुक्म की नाफ़रमानी नहीं करते. और वही करते हैं, जिसका उन्हें हुक्म दिया जाता है.  
7. ऐ कुफ़्र करने वाले लोगो ! आज कोई माज़ेरत मत करो. बेशक तुम्हें उसका बदला दिया जाएगा, जो कुछ तुम किया करते थे.
8. ऐ ईमान वालो ! तुम अल्लाह से सच्चे दिल से तौबा करो. उम्मीद है कि तुम्हारा परवरदिगार तुम्हारे आमालनामे से तुम्हारे गुनाह मिटा दे और तुम्हें जन्नत के उन बाग़ों में दाख़िल करे, जिनके नीचे नहरें बहती हैं. उस दिन अल्लाह अपने नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और उनके साथ ईमान लाने वाले लोगों को रुस्वा नहीं करेगा. उनका नूर उनके आगे और दाहिनी तरफ़ रौशनी करता हुआ चल रहा होगा. और वे लोग अल्लाह से अर्ज़ करेंगे कि ऐ हमारे परवरदिगार ! हमारे लिए हमारा नूर मुकम्मल कर और हमें बख़्श दे. बेशक तू हर चीज़ पर क़ादिर है.
9. ऐ नबी ए मुकर्रम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ! तुम काफ़िरों और मुनाफ़िक़ों से जिहाद करो और उन पर सख़्ती करो. उनका ठिकाना जहन्नुम है और वह बहुत बुरी जगह है. 
10. अल्लाह ने उन कुफ़्र करने वाले लोगों के लिए नूह अलैहिस्सलाम की बीवी वाहेला और लूत अलैहिस्सलाम की बीवी वाएला की मिसाल बयान की है. वे दोनों हमारे बन्दों में से दो नेक बन्दों के निकाह में थीं. फिर दोनों ने उनसे ख़यानत की, तो उनके शौहर अल्लाह के मुक़ाबिल उनके कुछ काम नहीं आए. और उनसे कहा गया कि दोज़ख़ में जाने वालों के साथ तुम भी उसमें चली जाओ.
11. और अल्लाह ने ईमान वाले लोगों के लिए फ़िरऔन की बीवी आसिया की मिसाल बयान की है. जब उन्होंने अल्लाह से अर्ज़ किया कि ऐ मेरे परवरदिगार ! तू मेरे लिए जन्नत में अपने पास एक घर बना दे और मुझे फ़िरऔन और उसके बुरे आमाल से निजात दे और मुझे ज़ालिमों की क़ौम से भी निजात दे.
12. और दूसरी मिसाल इमरान की बेटी मरयम अलैहिस्सलाम की है, जिन्होंने अपनी अस्मत की हिफ़ाज़त की, तो हमने उनमें अपनी रूह फूंक दी. और उन्होंने अपने परवरदिगार के कलाम और उसकी किताबों की तसदीक़ की. और वे फ़रमाबरदारों में से थीं. 

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