सूरह अल नस्र मक्का में नाज़िल हुई और इसकी 3 आयतें हैं
अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
1. ऐ मेरे महबूब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ! जब अल्लाह की मदद आ पहुंची और फ़तह हासिल हो गई.
2. और तुमने देख लिया कि लोग फ़ौज दर फ़ौज अल्लाह के दीन में दाख़िल हो रहे हैं.
3. फिर तुम अपने परवरदिगार की हम्दो सना की तस्बीह करो और उससे मग़फ़िरत की दुआ मांगो. बेशक वह बड़ा तौबा क़ुबूल करने वाला है.
अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
1. ऐ मेरे महबूब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ! जब अल्लाह की मदद आ पहुंची और फ़तह हासिल हो गई.
2. और तुमने देख लिया कि लोग फ़ौज दर फ़ौज अल्लाह के दीन में दाख़िल हो रहे हैं.
3. फिर तुम अपने परवरदिगार की हम्दो सना की तस्बीह करो और उससे मग़फ़िरत की दुआ मांगो. बेशक वह बड़ा तौबा क़ुबूल करने वाला है.
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