सूरह अल नास मक्का में नाज़िल हुई और इसकी 6 आयतें हैं.
अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
1. ऐ मेरे महबूब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ! तुम कह दो कि ऐ लोगो ! मैं इंसानों के परवरदिगार की पनाह चाहता हूं.
2. जो तमाम इंसानों का मालिक है.
3. जो तमाम लोगों का माबूद है.
4. उस शैतान के शर से, जो वसवसे डालकर पीछे हट जाता है.
5. जो लोगों के दिलों में वसवसे डालता है.
6. जो जिन्नों में से भी होता है और इंसानों में से भी.
अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
1. ऐ मेरे महबूब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ! तुम कह दो कि ऐ लोगो ! मैं इंसानों के परवरदिगार की पनाह चाहता हूं.
2. जो तमाम इंसानों का मालिक है.
3. जो तमाम लोगों का माबूद है.
4. उस शैतान के शर से, जो वसवसे डालकर पीछे हट जाता है.
5. जो लोगों के दिलों में वसवसे डालता है.
6. जो जिन्नों में से भी होता है और इंसानों में से भी.
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