सूरह अल फ़लक़ मक्का में नाज़िल हुई और इसकी 5 आयतें हैं.
अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
1. ऐ मेरे महबूब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ! तुम कह दो कि मैं सुबह के परवरदिगार की पनाह चाहता हूं.
2. तमाम मख़लूक़ में पैदा बुराई से
3. और तारीकी रात की बुराई से, जब उसका अंधेरा छा जाए
4. और गिरहों में फूंक करने वालों के शर से
5. और हसद करने वाले के शर से, जब वह हसद करने लगे.
अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
1. ऐ मेरे महबूब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ! तुम कह दो कि मैं सुबह के परवरदिगार की पनाह चाहता हूं.
2. तमाम मख़लूक़ में पैदा बुराई से
3. और तारीकी रात की बुराई से, जब उसका अंधेरा छा जाए
4. और गिरहों में फूंक करने वालों के शर से
5. और हसद करने वाले के शर से, जब वह हसद करने लगे.
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