Saturday, June 19, 2021

96 सूरह अल अलक़

सूरह अल अलक़ मक्का में नाज़िल हुई और इसकी 19 आयतें हैं.
अल्लाह शुरू के नाम से, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
1. ऐ मेरे महबूब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ! पढ़ो, अपने परवरदिगार का नाम लेकर, जिसने पैदा किया है.
2. जिसने इंसान को ख़ून के क़तरे से पैदा किया.
3. पढ़ो, और तुम्हारा परवरदिगार बड़ा ही करीम है,
4. जिसने क़लम के ज़रिये लिखने पढ़ने की तालीम दी.
5. जिसने इंसान को वह इल्म सिखाया, जो वह नहीं जानता था. 
6. जान लो कि बेशक इंसान सरकशी करता है.
7. और यह गुमान करता कि वह किसी का मोहताज नहीं है.
8. बेशक तुम्हें अपने परवरदिगार की तरफ़ ही लौटना है.
9. क्या तुमने उस शख़्स को देखा है, जो मना करता है.
10. अल्लाह के बन्दे को जब वह नमाज़ पढ़ता है.
11. भला देखो कि अगर वह हिदायत पर होता  
12. या वह लोगों को परहेज़गारी का हुक्म देता, तो कितना अच्छा होता.
13. भला देखो कि अगर उसने हक़ को झुठला दिया और मुंह फेर लिया, तो उसका क्या अंजाम होगा. 
14. तो क्या वह नहीं जानता कि अल्लाह देख रहा है.
15. जान लो कि अगर वह बाज़ नहीं आया, तो हम ज़रूर पेशानी के बाल पकड़कर उसे घसीटेंगे.
16. झूठे और ख़तावार की पेशानी के बाल
17. फिर वह मदद के लिए अपने हिमायतियों को बुलाए.
18. हम भी अपने सिपाहियों को बुलाएंगे. यानी दोज़ख़ के अज़ाब देने वाले फ़रिश्तों को बुलाएंगे.
19. देखो कि तुम उसका कहना नहीं मानना और ऐ मेरे महबूब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ! तुम अल्लाह को सजदे किया करो और उसका क़ुर्ब हासिल करो.

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