सूरह अल क़द्र मक्का में नाज़िल हुई और इसकी 5 आयतें हैं.
अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
1. बेशक हमने इस क़ुरआन को शबे क़द्र में नाज़िल किया.
2. और तुम क्या जानते हो कि शबे क़द्र क्या है?
3. शबे क़द्र हज़ार महीनों से बेहतर है.
4. इस रात में फ़रिश्ते और रूहुल अमीन यानी जिब्रईल अलैहिस्सलाम अपने परवरदिगार के हुक्म से हर काम के लिए ज़मीन पर उतरते हैं.
5. यह रात फ़ज्र होने तक सलामती है.
अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
1. बेशक हमने इस क़ुरआन को शबे क़द्र में नाज़िल किया.
2. और तुम क्या जानते हो कि शबे क़द्र क्या है?
3. शबे क़द्र हज़ार महीनों से बेहतर है.
4. इस रात में फ़रिश्ते और रूहुल अमीन यानी जिब्रईल अलैहिस्सलाम अपने परवरदिगार के हुक्म से हर काम के लिए ज़मीन पर उतरते हैं.
5. यह रात फ़ज्र होने तक सलामती है.
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