सूरह अल क़ारिया मक्का में नाज़िल हुई और इसकी 11 आयतें हैं.
अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
1. गरजने वाली ख़ौफ़नाक आवाज़
2. गरजने वाली ख़ौफ़नाक आवाज़ क्या है?
3. और क्या तुम जानते हो कि गरजने वाली ख़ौफ़नाक आवाज़ क्या है?
4. जिस दिन लोग परवानों की तरह बिखर जाएंगे.
5. और पहाड़ धुनी हुई रंग बिरंगी ऊन की तरह हो जाएंगे.
6. फिर जिसके नेकियों के पलड़े भारी होंगे.
7. तो वह मनचाहे ऐशो आराम में होगा.
8. और जिसके नेकियों के पलड़े हल्के होंगे.
9. तो उसका ठिकाना हाविया में होगा.
10. और क्या तुम जानते हो कि हाविया क्या है?
11. वह दोज़ख़ की दहकती हुई आग है.
अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
1. गरजने वाली ख़ौफ़नाक आवाज़
2. गरजने वाली ख़ौफ़नाक आवाज़ क्या है?
3. और क्या तुम जानते हो कि गरजने वाली ख़ौफ़नाक आवाज़ क्या है?
4. जिस दिन लोग परवानों की तरह बिखर जाएंगे.
5. और पहाड़ धुनी हुई रंग बिरंगी ऊन की तरह हो जाएंगे.
6. फिर जिसके नेकियों के पलड़े भारी होंगे.
7. तो वह मनचाहे ऐशो आराम में होगा.
8. और जिसके नेकियों के पलड़े हल्के होंगे.
9. तो उसका ठिकाना हाविया में होगा.
10. और क्या तुम जानते हो कि हाविया क्या है?
11. वह दोज़ख़ की दहकती हुई आग है.
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