सूरह अल आदियात मक्का में नाज़िल हुई और इसकी 11 आयतें हैं.
अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
1. क़सम है तेज़ दौड़ने वाले घोड़ों की, जो हांफ़ते हैं.
2. फिर जिनकी टापों से चिंगारियां निकलती हैं.
3. फिर जो सुबह होते ही दुश्मनों पर हमला करते हैं.
4. फिर गर्द ग़ुबार उड़ाते हैं
5. फिर वे दुश्मनों की जमात में घुस जाते हैं.
6. और बेशक वह अपनी नाशुक्री का ख़ुद गवाह है.
7. और बेशक वह इस नाशुक्री का ख़ुद गवाह है.
8. और बेशक वह माल व दौलत से शदीद मुहब्बत करने वाला है.
9. क्या वह नहीं जानता कि जब लोग क़ब्रों में से उठाए जाएंगे
10. और दिलों के पोशीदा राज़ ज़ाहिर कर दिए जाएंगे.
11. बेशक उनका परवरदिगार उस दिन उनके आमाल से ख़ूब बाख़बर होगा.
अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
1. क़सम है तेज़ दौड़ने वाले घोड़ों की, जो हांफ़ते हैं.
2. फिर जिनकी टापों से चिंगारियां निकलती हैं.
3. फिर जो सुबह होते ही दुश्मनों पर हमला करते हैं.
4. फिर गर्द ग़ुबार उड़ाते हैं
5. फिर वे दुश्मनों की जमात में घुस जाते हैं.
6. और बेशक वह अपनी नाशुक्री का ख़ुद गवाह है.
7. और बेशक वह इस नाशुक्री का ख़ुद गवाह है.
8. और बेशक वह माल व दौलत से शदीद मुहब्बत करने वाला है.
9. क्या वह नहीं जानता कि जब लोग क़ब्रों में से उठाए जाएंगे
10. और दिलों के पोशीदा राज़ ज़ाहिर कर दिए जाएंगे.
11. बेशक उनका परवरदिगार उस दिन उनके आमाल से ख़ूब बाख़बर होगा.
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