सूरह अल फ़ातिहा मक्का में नाज़िल हुई और इसकी 7 आयतें हैं.
ऐ अल्लाह ! हमें शैतान के शर से महफ़ूज़ रख.
1. अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है.
2. अल्लाह ही सज़ावारे हम्दो सना है यानी तमाम तारीफ़ें सिर्फ़ अल्लाह ही के लिए हैं, जो तमाम आलमों का परवरदिगार है.
3. वह बड़ा मेहरबान निहायत रहम करने वाला है.
4. वह जज़ा और सज़ा के दिन का मालिक है.
5. हम तेरी ही इबादत करते हैं और तुझ ही से मदद चाहते हैं
6. हमें सीधे रास्ते पर चला.
7. उन लोगों के रास्ते पर, जिन पर तूने नेअमतें अता की हैं, उन लोगों के रास्ते पर नहीं जिन पर तेरा ग़ज़ब हुआ है और जो गुमराह हैं.
2 comments:
Ma sha allah.
Nihayat aasan zaban, tarjuma karne me akaabireen ki itteba ka khayal rakha gaya h.
Inbox zarur dekhen..
Jazaak Allah
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